परंतु जिस विशिष्ट प्रकार की लागत स्फीति (कौस्टइन्फ्लेशन) की हम चर्चा कर रहे हैं (अर्थात विनिमयों की शर्तों के कृषिके पक्ष और उद्योग के विपक्ष में होने से उत्पन्न स्फीति) उसमें यह होसकता है कि शुरू में मशीनरी तथा औजारों के कीमत स्तर में वृद्धि, नकदमजदूरी में वृद्धि के कुछ समय बाद औजारों के कीमत स्तर में वृद्धि, नकदमजदूरी में वृद्धि के कुछ समय बाद ही हो पाए.